Vice President Election 2025 Result : भारत के नए उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, INDIA गठबंधन के उम्मीदवार को इतने वोटों से दी मात

CG Express

Vice President Election 2025 Result : देश में चल रहे नए उपराष्ट्रपति चुनाव आखिरकार आ ही गए हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने जीत दर्ज की है। राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, वहीं INDIA कैंडीडेट सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। बता दें कि एनडीए ने 68 साल के सीपी राधाकृष्णन को तो INDIA ने 79 साल के बी सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है। BRS और ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक की पार्टी BJD ने उपराष्ट्रपति चुनाव से किनारा किया। दोनों पार्टियों ने किसी भी गठबंधन का समर्थन नहीं किया। राज्यसभा में बीआरएस के 4 और BJD के 7 सांसद हैं।

तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सी.पी. राधाकृष्णन कोंगू वेल्लाला गौंडर समुदाय से आते हैं। बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी उनकी गहरी रुचि रही। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज, तूतीकोरिन से प्राप्त की, जहां उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की डिग्री हासिल की। यही नहीं सी पी राधाकृष्णन अपनी कॉलेज लाइफ में टेबल टेनिस चैंपियन भी रहे। यह बताता है कि राधाकृष्णन केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि खेलों में भी अव्वल थे। उनकी यह बहुमुखी प्रतिभा बाद में उनके नेतृत्व और राजनीति में बहुत काम आई।

Read More : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, देश छोड़कर भाग सकते हैं, जानिए अब आगे क्या होगा

सी पी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर

सिर्फ 17 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और फिर भारतीय जनसंघ से जुड़ गए। 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य चुने जाने के बाद उनका राजनीतिक सफर तेज़ी से आगे बढ़ा।

  • साल 1998 और 1999 में वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने।
  • 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने।
  • 2004 से 2007 तक उन्होंने BJP तमिलनाडु के अध्यक्ष के रूप में राज्यभर में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा निकाली।
  • 2016 में उन्हें कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उन्होंने रिकॉर्ड निर्यात में भूमिका निभाई।
  • बाद में वे केरल में BJP के प्रभारी, और फिर झारखंड व महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे।
  • इन सभी पदों पर उनकी शिक्षा और प्रशासनिक समझ ने उन्हें हर चुनौती का सामना करने में मदद की।

 

Share This Article