बिलासपुर। शिक्षक दिवस के अवसर पर जैन इंटरनेशनल स्कूल में एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। शिक्षक दंपत्ति जय प्रकाश उपाध्याय और प्रकृति शर्मा उपाध्याय ने न केवल जीवनसाथी के रूप में बल्कि मार्गदर्शक के रूप में भी विद्यार्थियों के बीच एक अलग पहचान बनाई है। दोनों एक ही विषय को अलग-अलग दृष्टिकोण से पढ़ाते हैं, जिससे छात्रों को गहराई से समझने और सोचने का नया नजरिया मिलता है।
कक्षा है विचारों की प्रयोगशाला
शिक्षक जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि कक्षा केवल पढ़ाने का स्थान नहीं है, बल्कि एक प्रयोगशाला है। यहां विचारों का आदान-प्रदान होता है और शिक्षण शैली को नया आयाम मिलता है। उनका मानना है कि शिक्षक को छात्रों के साथ मिलकर सीखना चाहिए और पढ़ाई को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रखना चाहिए।
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बच्चों से सीखना ही सच्ची शिक्षा
प्रकृति शर्मा उपाध्याय ने बताया कि एक अच्छा शिक्षक वही होता है, जो बच्चों के सवालों से खुद भी सीखता है। उनके अनुसार हर बैच धैर्य, करुणा और नवीनता का नया सबक देता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की जिज्ञासाएँ उन्हें हर दिन और बेहतर शिक्षक बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
छात्रों के लिए प्रेरणादायी संदेश
शिक्षक दंपत्ति का कहना है कि शिक्षक दिवस उनके लिए केवल औपचारिक अवसर नहीं, बल्कि वह एहसास है, जब छात्र यह कहते हैं— “मैम/सर, आपने हमारी सोच बदल दी।”
उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि ज्ञान कभी एक दिशा में नहीं चलता। जैसे वे दोनों एक ही विषय को अलग दृष्टिकोण से पढ़ाते हैं, वैसे ही छात्रों के सवाल और सोच हर शिक्षक को नया बनाते हैं।