Krishna Janmashtami 2025: क्यों जन्माष्टमी पर भगवान कृष्‍ण को 8 पहर लगाते हैं भोग? जानें वजह

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Krishna Janmashtami 2025

Krishna Janmashtami 2025: आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी का त्योहार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी पर मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण को आठ प्रहर का भोग लगाया जाता है. आइए जानते हैं कि इस दिन कन्हैया को आठ वक्त भोग लगाने का क्या महत्व है.

भगवान कृष्ण को 8 बार भोग क्यों लगाया जाता है?

Krishna Janmashtami 2025 भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में 8 अंक का खास महत्व था. श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार थे. श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के संयोग में ही हुआ था. मान्यताएं हैं कि अष्टमी तिथि को जन्मे भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां थीं. भगवान कृष्ण वसुदेव की 8वीं संतान थी. यहां तक कि स्वयं कृष्ण आठ प्रहर भोजन करते थे. यही वजह है कि मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भगवान कृष्‍ण की अष्‍ट प्रहर पूजा-अर्चना होती है और उन्हें आठ बार भोग लगाया जाता है. वैष्णव मंदिरों में भगवान कृष्ण की 24 घंटे की पूजा की एक विशिष्ट विधि है, जिसे 8 प्रहरों में विभाजित किया जाता है. हर प्रहर में अलग-अलग प्रकार की पूजा-अर्चना होती है और अलग तरह के भोग लगाए जाते हैं.

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अष्ट प्रहर में 8 प्रकार के भोजन

1.खीर

2.सूजी का हलवा या लड्डू

3.सेवई

4.पुरणपोली

5.मालपुआ

6.केसर भात

7. केले समेत मीठे फल

8. सफेद मिठाई

इसके अलावा भगवान को माखन-मिश्री, पंचामृत, नारियल, सूखे मेवे और धनिया पंजीरी के प्रसाद का भी भोग लगाया जाता है.

अष्टयाम सेवा के 8 प्रहर

1. मंगला: सुबह का पहला प्रहर, जब प्रभु को जगाया जाता है और उनका श्रृंगार किया जाता है.

2. श्रृंगार: भगवान को स्वच्छ-सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं.

3. ग्वाल: भगवान कृष्ण को गायों के साथ क्रीड़ा करने के लिए ले जाया जाता है.

4. राजभोग: भगवान कृष्ण को स्वादिष्ट व जायकेदार भोजन का भोग लगाया जाता है.

5. उत्थापन: भगवान कृष्ण को विश्राम के लिए ले जाया जाता है.

6. भोग: भगवान कृष्ण को दोबारा भोजन का भोग लगाया जाता है.

7. संध्या आरती: भगवान कृष्ण को शाम के समय आरती-पूजा के लिए ले जाया जाता है.

8. शयन: रात को भगवान कृष्ण को शयन के लिए ले जाया जाता है.

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