ITBP Revolver Stolen: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक बड़ी और चौंकाने वाली वारदात सामने आई है। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानों की सर्विस रिवॉल्वर, चार मैगजीन और 24 जिंदा कारतूस हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस से चोरी हो गए थे। इस हाईप्रोफाइल चोरी की गुत्थी को रायपुर जीआरपी ने आखिरकार सुलझा लिया है।
जीआरपी एसपी श्वेता सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में आरोपी रंजीत मरकाम को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी से चोरी हुई दोनों रिवॉल्वर, 4 मैगजीन और 24 कारतूस बरामद किए गए हैं।
कैसे हुई चोरी ?
घटना मंगलवार देर रात की है। आईटीबीपी के एएसआई वायपी ओझा, हेड कांस्टेबल (टेलीकॉम) जितेंद्र सिंह और कांस्टेबल बुद्धदेव मलिक हटिया से दुर्ग जा रहे थे। उनके पास पिट्टू बैग में सर्विस हथियार और कारतूस रखे हुए थे।
रात करीब 3 बजे ट्रेन जब चांपा स्टेशन पर रुकी तो जवान नींद में थे। सुबह 5:50 बजे ट्रेन भाटापारा स्टेशन पहुँची, तब उनकी नींद खुली और देखा कि बैग गायब है। तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी गई और मामला जीआरपी तक पहुँचा।
CCTV फुटेज से मिला सुराग
जांच के दौरान जीआरपी और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने चांपा से भाटापारा तक के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले। बिलासपुर रेलवे स्टेशन का फुटेज सबसे अहम साबित हुआ।
चोर रंजीत मरकाम ने पुलिस को गुमराह करने के लिए दो जगह कपड़े और दस्तावेज फेंक दिए। पहली बार सामान जीआरपी ऑफिस के पीछे मिला और दूसरी बार कोच रेस्टोरेंट के पास। इस वजह से जांच टीम असमंजस में पड़ गई थी, क्योंकि यहां से तीन रास्ते निकलते थे। लेकिन आखिरकार सीसीटीवी और गुप्त सूचना की मदद से आरोपी तक पहुँचा गया।
क्या कहते हैं अधिकारी?
जीआरपी एसपी श्वेता सिन्हा का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील था क्योंकि चोरी हुई रिवॉल्वर और कारतूस गलत हाथों में जाते तो बड़ी वारदात हो सकती थी। समय रहते आरोपी की गिरफ्तारी से बड़ा हादसा टल गया है। रेलवे पुलिस ने इस मामले को पुलिसिया सतर्कता और टीमवर्क का बड़ा उदाहरण बताया है।
हथियारों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि आईटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बल के जवान ट्रेन में बिना सुरक्षा इंतजाम के हथियार कैसे लेकर यात्रा कर रहे थे? क्या ऐसी परिस्थितियों में रेलवे को अलग से सुरक्षा इंतजाम नहीं करने चाहिए थे? विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद अब रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को हथियारों की आवाजाही के लिए सख्त गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए।
चोरी के पीछे की मंशा की जांच जारी
फिलहाल जीआरपी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी रंजीत मरकाम का मकसद केवल चोरी था या फिर उसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी। चूंकि घटना में सर्विस रिवॉल्वर और कारतूस शामिल थे, इसलिए इंटेलिजेंस एजेंसियां भी अब इस केस में रिपोर्ट मांग सकती हैं।