Income Tax Latest News: इन जगहों से पैसे कमाने वालों के लिए जरूरी खबर,12 लाख से कम आय पर भी देना होगा टैक्स, जानिए क्या कहता है नियम

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Income Tax Latest News नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत देते हुए सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स माफ करने का ऐलान किया है। हालांकि यह छूट सभी तरह की आय पर लागू नहीं होगी। अगर आय का स्रोत शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई है, तो इस पर टैक्स देना होगा। बजट 2025 में साफ किया गया है कि जिस इनकम पर स्पेशल रेट से टैक्स लगता है, उसे धारा 87A के तहत न्‍यू टैक्‍स रिजीम के तहत आयकर छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसमें सेक्‍शन 111A (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन), सेक्‍शन 112 (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) आदि के तहत कैपिटल गेन जैसी इनकम शामिल है।

अगर आप केवल म्‍यूचुअल फंड या शेयर से 12 लाख रुपये तक की कमाई करते हैं, यानी स्पेशल इनकम 12 लाख होती है तो फिर आपको न्यू टैक्स रिजीम में 4 लाख रुपये तक की बेसिक छूट के बाद बाकी रकम पर LTCG, STCG के हिसाब से टैक्‍स देना पड़ेगा। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, यदि किसी की कुल आय में 8 लाख रुपये सैलरी और 12 लाख रुपये कैपिटल गेन शामिल है, तो सैलरी इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन पूरी 12 लाख रुपये की इनकम पर कैपिटल गेन के अनुसार टैक्स देना होगा। शेयर या म्यूचुअल फंड 12 महीने से कम समय के लिए रखने पर यह इनकम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन मानी जाती है, जिस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है। वहीं, एक साल से ज्यादा रखने के बाद होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तहत 12।5 फीसदी टैक्स लिया जाएगा। हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 1।25 लाख रुपये तक की छूट अब भी लागू है।

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क्या घर में कैश रखने की कोई लिमिट है?

इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, घर में कितनी नकदी रखी जा सकती है इस पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। यानी आप अपनी सुविधा के अनुसार जितना चाहें उतना कैश रख सकते हैं। हालांकि, ये जरूरी है कि ये पैसा वैध आय का हिस्सा हो और इसका सोर्स स्पष्ट हो। भले ही कैश रखने की कोई तय सीमा नहीं है, लेकिन टैक्स विभाग ये देखता है कि ये पैसा कहां से आया। यदि आप इसका सबूत नहीं दे पाते, तो ये अघोषित आय मानी जा सकती है। इसलिए, चाहे सैलरी हो, बिजनेस की कमाई या प्रॉपर्टी बेचने का पैसा हर स्रोत का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना जरूरी है।

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