Indore News : MY अस्पताल में चूहों ने नवजात बच्चों के कुतरे थे हाथ, दूसरे शिशु की भी हो गई मौत

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Indore News : मध्य प्रदेश के इंदौर से MYH अस्पताल में नवजात बच्चों को चूहों द्वारा कुतरने का मामला सामने आया था। इसमें एक नवजात शिशु की मौत मंगलवार को हो गई थी, जबकि दूसरे शिशु की मौत आज बुधवार को हो गई है। हाथ कुतरने की बात सामने आने के बाद एम जी एम डीन घनघोरिया द्वारा 5 कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया था। इन कर्मचारियों में 2 स्टाफ नर्स, 2 नर्सिंग इंचार्ज और 1 नर्सिंग सुप्रिटेंडेंड शामिल हैं।

दूसरे बच्चे की आंतों में विकृति के चलते मौत हो गई है। एमवायएच अस्पताल के उपाधीक्षक, डॉक्टर जितेंद्र वर्मा ने बताया फीमेल बेबी की मौत सेप्टीसीमिया के कारण हुई है। परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। उन्हें मालूम था कि बच्ची को गंभीर बीमारी है। इसलिए उसे घर ले जाना चाहते हैं। इस बच्ची को बाएं हाथ की फिंगर की टिप पर काटा था। डॉक्टर ने बताया कि उसके उंगली में कंप्लीट बाइट नहीं था।

हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने चूहों के काटने से नवजात की मौत होने से इनकार किया है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की मौत गंभीर संक्रमण (इंफेक्शन) के कारण हुई है। वहीं, नर्सिंग स्टाफ पर की गई कार्रवाई से नर्सिंग ऑफिसर्स में नाराजगी है। उनका कहना है कि लापरवाही वरिष्ठ जिम्मेदारों की थी, लेकिन एक्शन निचले स्तर पर लिया जा रहा है।

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एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने घटना के बाद दो नर्सिंग ऑफिसर को तत्काल सस्पेंड कर दिया। नर्सिंग सुपरिटेंडेंट को भी हटा दिया गया है। इसके अलावा आईसीयू प्रभारी समेत कई जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पीडियाट्रिक सर्जरी विभागाध्यक्ष को भी स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। पेस्ट कंट्रोल कंपनी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है और मामले की जांच के लिए पाँच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो सात दिन में रिपोर्ट सौंपेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य आयुक्त ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. घनघोरिया को नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती नवजातों को चूहों द्वारा कुतरने की घटना गंभीर लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का मामला है। इस पर तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है। निलंबन और नोटिस की कार्रवाई के बाद नर्सिंग स्टाफ में आक्रोश है। उनका कहना है कि घटना के लिए वे सीधे जिम्मेदार नहीं थे। वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कमी रही, लेकिन कार्रवाई उनके खिलाफ कर दी गई।

 

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