Gold-Silver Rate Today: नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमतों में गुरुवार को तेज गिरावट दर्ज की गई। घरेलू बाजार में ट्रेडर्स द्वारा मुनाफावसूली और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोर रुझान के कारण सोना ₹1,000 टूटकर ₹1,06,070 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। खबर के मुताबिक, 99.9% शुद्धता वाला सोना, जो बुधवार को ₹1,07,070 प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था, उसमें यह गिरावट देखी गई। इसी तरह, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत भी ₹1,000 की गिरावट के साथ ₹1,05,200 प्रति 10 ग्राम (सभी कर सहित) दर्ज की गई, जो एक दिन पहले ₹1,06,200 थी। यह आंकड़े अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
चांदी भी 500 रुपये सस्ती
सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई। निवेशकों द्वारा ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली करने से चांदी ₹500 घटकर ₹1,25,600 प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) रह गई। बुधवार को यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर ₹1,26,100 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी नरमी
वैश्विक बाजारों में भी सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई। स्पॉट गोल्ड की कीमत USD 39.61 या 1.10% घटकर USD 3,539.14 प्रति औंस पर आ गई। बुधवार को यह न्यूयॉर्क में USD 3,578.80 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी- कमोडिटी रिसर्च, कायनात चेनवाला ने कहा कि पिछले कुछ सत्रों में सोने में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। गुरुवार को इसमें 1% से अधिक की गिरावट मुख्य रूप से मुनाफावसूली के चलते आई। हालांकि, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े आने से पहले सोने ने आंशिक रिकवरी करते हुए USD 3,540 प्रति औंस के करीब कारोबार किया। अगर शुक्रवार को आने वाला अमेरिकी जॉब डेटा कमजोर रहता है, तो फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की संभावना बढ़ सकती है। स्पॉट सिल्वर की कीमत भी 0.70% की गिरावट के साथ USD 40.93 प्रति औंस रही।
दीर्घकालिक मजबूती के संकेत
बेशक सोने और चांदी दोनों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारत में आगामी त्योहारों की मजबूत मांग के चलते बुलियन की कीमतें अब भी ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। Augmont की रिसर्च हेड रेनिशा चेनानी ने कहा कि सोना और चांदी अभी भी अनिश्चितता भरे माहौल से समर्थन हासिल कर रहे हैं। इसमें अमेरिकी कर्ज को लेकर चिंता, फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर सवाल और वैश्विक स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव जैसी कई बातें शामिल हैं।