CG Electricity Bill September: प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस बार सितंबर में आने वाले बिजली बिल में महंगाई का डबल झटका लगने जा रहा है। अगस्त से बिजली बिल हॉफ योजना की सीमा घटाकर 400 यूनिट से 100 यूनिट कर दी गई है। वहीं, जुलाई महीने की खपत पर फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज भी जोड़ा जाएगा।
400 यूनिट पर अब हजार रुपए ज्यादा का भार
अब तक घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की खपत पर बिल आधा करना पड़ता था, जिससे करीब हजार रुपए की राहत मिलती थी। लेकिन अब सिर्फ 100 यूनिट तक ही हॉफ स्कीम का फायदा मिलेगा। यानी, अगर कोई परिवार 400 यूनिट की खपत करता है तो उसे सितंबर में आने वाले बिल पर कम से कम हजार रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।
FPPAS शुल्क फिर बढ़ा, जुलाई की खपत पर लगेगा असर
जुलाई में एफपीपीएएस शुल्क था, लेकिन अब अगस्त से यह फिर बढ़कर 6-7% होने जा रहा है। इसका सीधा असर सितंबर में आने वाले बिलों पर पड़ेगा। इससे पहले मई में यह शुल्क 7.32% तक पहुंचा था, जबकि जून में यह मामूली गिरकर 0.12% माइनस में चला गया था।
2023 से लागू हुआ नया फॉर्मूला
प्रदेश में उपभोक्ताओं से वसूली के लिए पहले वीसीए फॉर्मूला लागू था, लेकिन अप्रैल 2023 से इसकी जगह नया फॉर्मूला एफपीपीएएस लागू किया गया। तब से हर माह उपभोक्ताओं को अलग-अलग दर से यह शुल्क देना पड़ रहा है।
सिर्फ सौ यूनिट तक हॉफ योजना का लाभ
नई व्यवस्था के अनुसार यदि किसी उपभोक्ता की खपत 100 यूनिट से अधिक होती है, तो उसे न केवल ज्यादा बिल देना होगा बल्कि सौ यूनिट पर भी हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी वास्तविक राहत केवल उन परिवारों को मिलेगी जिनकी खपत सौ यूनिट या उससे कम है।
बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर बढ़ेगा बोझ
प्रदेशभर में करीब 65 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें से बड़ी संख्या ऐसे परिवारों की है जो 200-400 यूनिट के बीच बिजली की खपत करते हैं। अब इन परिवारों को महंगी बिजली का डबल झटका लगने वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में ऊर्जा प्रभार और उत्पादन लागत बढ़ने पर यह बोझ और ज्यादा बढ़ सकता है।
लोगों में नाराजगी, सरकार से राहत की उम्मीद
नियमों में बदलाव और लगातार बढ़ते बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं। वहीं, ऊर्जा विभाग का कहना है कि यह शुल्क उत्पादन लागत के अंतर को समायोजित करने के लिए जरूरी है।