CG Crime News जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है। यहां एक युवक ने अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए खुद की मौत का नाटक रच डाला। युवक ने न सिर्फ आत्महत्या की झूठी कहानी गढ़ी बल्कि अपनी गुमशुदगी से पुलिस और परिजनों को भी गुमराह किया। हालांकि उसकी यह चालाकी ज्यादा देर तक नहीं चल पाई और पुलिस ने साइबर टीम की मदद से उसे धर दबोचा।
कैसे रचा गया आत्महत्या का नाटक?
19 अगस्त की शाम तनौद थाना क्षेत्र के शिवरीनारायण निवासी तिलक राम श्रीवास का छोटा बेटा कौशल श्रीवास उर्फ मोनू बाइक (सीजी 11-बीसी-7560) से घर से निकला। देर रात उसकी मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन शिवनाथ नदी के पैसर घाट पर मिले। वहीं, पास में उसका जूता भी बरामद हुआ, जिससे परिजनों और पुलिस को लगा कि युवक ने आत्महत्या कर ली है।
एसपी विजय कुमार पांडेय के निर्देश पर पुलिस ने तत्काल नदी में तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान साइबर टीम ने जांच शुरू की और पता चला कि 20 अगस्त को कौशल ने इंस्टाग्राम के जरिए अपने एक दोस्त को मैसेज भेजकर खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी थी।
पुलिस को कैसे मिला सुराग?
23 अगस्त को युवक के भाई के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को कौशल बता रहा था। जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यह कॉल बिलासपुर रेलवे स्टेशन से किया गया है और युवक ने राहगीर का फोन इस्तेमाल किया था।
पुलिस ने बिलासपुर उसलापुर थाने और आरपीएफ को युवक की तस्वीर भेजी। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि कौशल तोरवा इलाके में देखा गया है। परिजनों के साथ पुलिस ने छापा मारकर युवक को गिरफ्तार कर लिया।
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पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गिरफ्तारी के बाद कौशल ने बताया कि उसके पिता पर लाखों का कर्ज था। इस आर्थिक संकट से निकलने के लिए उसने अपनी 40 लाख की बीमा पॉलिसी का सहारा लेने की योजना बनाई। उसने सोचा कि अगर वह मर जाएगा तो बीमा की राशि परिवार को मिलेगी और कर्ज चुकाया जा सकेगा।
योजना के मुताबिक उसने बाइक और मोबाइल नदी के घाट पर छोड़ दिए और पैदल पामगढ़ पहुंचा। वहां से बस पकड़कर बिलासपुर गया और फिर ट्रेन से दिल्ली-फरीदाबाद पहुंचा। 21 अगस्त को उसने स्टेशन पर रात बिताई और 22 अगस्त को वापसी की तैयारी कर रहा था, लेकिन 23 अगस्त को पुलिस ने उसे पकड़ लिया।