Bilaspur News: बिलासपुर में टीकाकरण के बाद 2 महीने की बच्ची की मौत ने सनसनी फैला दी है। परिजन और मोहल्लेवाले बच्ची का शव लेकर आंगनबाड़ी केंद्र और फिर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। परिवार का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से यह घटना हुई।
धुरीपारा निवासी रामेश्वर मरावी की पत्नी ईश्वरी मरावी अपनी 2 महीने की बच्ची को मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण के लिए लेकर गई थीं। परिजन का कहना है कि एएनएम विभा बंजारे ने बच्ची को लगातार चार टीके एक साथ लगा दिए। घर लौटने के बाद बच्ची दर्द से तड़पती रही और अगले दिन उसकी मौत हो गई।
शव के साथ किया प्रदर्शन
बुधवार को नवजात की मौत के बाद परिजन और मोहल्ले के लोग गुस्से में आ गए। सभी बच्ची का शव लेकर आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। गुस्साए लोगों का आरोप था कि इतनी गंभीर घटना के बाद भी विभाग का कोई अफसर मौके पर नहीं आया।
Read More : गरियाबंद में सुरक्षाबलों-नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 1 करोड़ के इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सली ढेर
ट्रैक्टर से शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे
गुस्साए परिजन बच्ची का शव ट्रैक्टर में रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। यहां उन्होंने 6 लाख रुपए मुआवजे की मांग की। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने भी जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने ट्रैक्टर को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने से रोका और ड्राइवर को फटकार लगाई।
स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कन्या पटेल ने बताया कि मंगलवार को 32 बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए थे। इनमें नवजात को भी चार टीके एक साथ दिए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार गरिमा सिंह मौके पर पहुंचीं और परिजनों से बात की। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
मुआवजे की मांग पर अड़े परिजन
पूर्व पार्षद श्याम पटेल और बबली खान ने भी पीड़ित परिवार को 6 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। परिजनों का कहना है कि जब तक जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।