Donald Trump on PM Modi: न्यूयॉर्क। भारत और अमेरिका के बीच रूस से तेल खरीद और टैरिफ को लेकर चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ उनके रिश्ते ‘खास’ हैं और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। ट्रंप ने कहा कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दोस्ती को हमेशा कायम रखेंगे, लेकिन वह भारत के रूस से तेल खरीदने के फैसले से ‘निराश’ हैं। बता दें कि ट्रंप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखा था कि लगता है अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है।
‘चिंता की कोई बात नहीं है, कभी-कभार कुछ पल ऐसे आते हैं’
शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक शानदार प्रधानमंत्री हैं। भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। बस कभी-कभार कुछ पल ऐसे आते हैं।’ यह बयान तब आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते पिछले दो दशकों में शायद सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। ट्रंप ने हालांकि भारत के रूस से तेल खरीदने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात से बहुत निराशा है कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। मैंने उन्हें यह बात बता दी है। हमने भारत पर 50 फीसदी का भारी टैरिफ लगा दिया है।’
ट्रंप ने शेयर की थी मोदी, पुतिन और जिनपिंग की पुरानी तस्वीर
ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था, ‘लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उन्हें एक साथ लंबा और खुशहालभविष्य मिले!’ इस पोस्ट में उन्होंने मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी नेता शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर भी साझा की थी। यह पोस्ट तब आई जब हाल ही में चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में मोदी, शी और पुतिन की मुलाकात ने दुनिया का ध्यान खींचा।
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत पर साधा था निशाना
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने भी भारत की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘भारत की ऊंची टैरिफ पॉलिसी अमेरिकी नौकरियों को नुकसान पहुंचाती है। भारत रूस से तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है, जो रूस की युद्ध मशीन को मजबूत करता है। इससे यूक्रेन और रूस में लोग मर रहे हैं, और अमेरिकी करदाताओं पर बोझ पड़ रहा है। भारत सच को स्वीकार नहीं कर रहा।’ नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक केविन हसेट ने भी कहा, ‘राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम इस बात से निराश हैं कि भारत रूस के यूक्रेन युद्ध को ‘फंड’ कर रहा है। उम्मीद है कि यह कूटनीतिक मसला जल्द सुलझ जाएगा।’
भारत ने किया ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’ टैरिफ लगाने का विरोध
अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 फीसदी रूस से तेल खरीद की सजा के तौर पर है। भारत का कहना है कि यह टैरिफ ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक’ है। भारतीय अधिकारियों का अनुमान है कि इससे 48.2 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा, जिससे टेक्सटाइल, गहने, चमड़ा, खाद्य और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, दवाइयों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों जैसे कुछ क्षेत्रों को टैरिफ से छूट दी गई है। भारत ने रूस से तेल खरीद को जायज ठहराते हुए कहा है कि यह 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है।
ट्रंप ने दिखाई नरमी, व्यापार वार्ता पर सकारात्मक रुख
ट्रंप ने व्यापार वार्ता को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने कहा, ‘भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता अच्छी चल रही है। हम सभी के साथ अच्छा कर रहे हैं।’ हालांकि, उन्होंने यूरोपीय संघ पर भी नाराजगी जताई और कहा कि गूगल और अन्य बड़ी अमेरिकी कंपनियों के साथ जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है। बता दें कि यूरोपीय संघ के नियामकों ने शुक्रवार को गूगल पर 2.95 अरब यूरो (3.5 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना कंपनी की डिजिटल विज्ञापन सेवाओं को प्राथमिकता देकर यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया।
क्या होगा भारत-अमेरिका रिश्तों का भविष्य?
भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते हाल के महीनों में तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर तब से जब ट्रंप ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर टैरिफ लगाया। फिर भी, ट्रंप का यह बयान कि वह मोदी के साथ दोस्ती बनाए रखेंगे और दोनों देशों के बीच ‘खास रिश्ता’ है, एक उम्मीद की किरण जगाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को कूटनीति और बातचीत के जरिए इस तनाव को कम करना होगा ताकि रिश्ते फिर से मजबूत हो सकें। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। अब देखना यह है कि क्या दोनों देश आपसी समझ और बातचीत से इस मुश्किल दौर को पार कर पाएंगे।