Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold सुकमा। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में विकास की गति तेजी से बढ़ रही है। अबूझमाड़, दंतेवाड़ा, और बीजापुर के दुर्गम क्षेत्रों में सड़क निर्माण का कार्य जोरों पर है। इस बीच सुकमा जिले से एक सकारात्मक खबर सामने आई है। सीलगेर से पूवर्ती को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो कुख्यात माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा के गांव तक पहुंच स्थापित करेगी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने तिम्मापुरम गांव के पास 15 मीटर लंबे बेली ब्रिज का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस उपलब्धि से स्थानीय ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
बेली ब्रिज विकास का नया प्रतीक (Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold)
यह बेली ब्रिज न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बदलाव का प्रतीक भी बन गया है। इस पुल के निर्माण से पूवर्ती, टेकलगुड़ा, तिम्मापुरम, गोलाकुंडा, तुमलपाड़, और जब्बागट्टा जैसे दूरस्थ गांवों के 5000 से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold: खासकर बारिश के मौसम में जब नदी-नालों को पार करना जानलेवा होता था, यह पुल ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होगा। अब लोग बिना जोखिम के जिला मुख्यालय तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
स्थानीय निवासी नंदा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “बरसात में नदी-नाले पार करना खतरे से खाली नहीं था। कई बार बीमार लोगों को उठाकर पानी में उतरना पड़ता था। अब इस बेली ब्रिज के बनने से हमें बहुत राहत मिली है।”
क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold: सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़क और पुल जैसे आधारभूत ढांचे का निर्माण हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। माओवादियों के खतरे और भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद बीआरओ ने इस बेली ब्रिज को समय पर पूरा कर एक मिसाल कायम की है।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया, “इस ब्रिज से न केवल ग्रामीणों को आवागमन में आसानी होगी, बल्कि यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा। अब बारिश के मौसम में भी ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होगी।”
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold: इस सड़क और पुल के निर्माण से माड़वी हिडमा जैसे माओवादी नेताओं के प्रभाव वाले क्षेत्र में विकास की किरण पहुंच रही है। एसपी चव्हाण ने कहा, “हिडमा जैसे माओवादी नेताओं के प्रभाव क्षेत्र में सड़क बनना इस बात का संकेत है कि अब वहां डर नहीं, विकास का रास्ता तैयार हो रहा है।”
नक्सल विरोधी अभियानों में सहायता
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold: इस बेली ब्रिज और सड़क निर्माण से न केवल ग्रामीणों को लाभ होगा, बल्कि नक्सल विरोधी अभियानों में भी सुरक्षा बलों को मदद मिलेगी। सुकमा में हाल के वर्षों में कई सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे विकास कार्यों में तेजी आई है। सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों को सड़क, पुल, और अन्य आधारभूत ढांचे के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ना है। इस दिशा में बेली ब्रिज का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है।
बेली ब्रिज क्या है?
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold: बेली ब्रिज एक पोर्टेबल और प्रीफैब्रिकेटेड पुल होता है, जिसे मॉड्यूलर डिजाइन के कारण आसानी से कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। इसके हिस्से पहले से निर्मित होते हैं, जिन्हें जरूरत के अनुसार जोड़ा जाता है। यह ब्रिज हल्का, टिकाऊ और जल्दी बनने वाला होता है, जिसे सेना और सीमा सड़क संगठन जैसे संगठन दुर्गम क्षेत्रों में उपयोग करते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसे आसानी से ले जाया और स्थापित किया जा सकता है, जो इसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे सुकमा के लिए आदर्श बनाता है।
गांवों में विकास की नई उम्मीद
Bridge Constructed in Naxal Hidma Stronghold इस बेली ब्रिज के निर्माण से पूवर्ती और आसपास के गांवों में विकास की नई उम्मीद जगी है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, और बाजारों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। विशेषकर बारिश के मौसम में जब नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है, यह पुल उनकी जिंदगी को आसान बनाएगा। साथ ही, यह क्षेत्र में शांति और समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है।