Blind murder case Chhattisgarh: सरसीवां थाना क्षेत्र के पंड्रीपाली गांव में 80 वर्षीय वृद्धा मंझलीबाई की रहस्यमयी मौत के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच में सामने आया कि मृतका के गोद लिए पुत्र ने ही अपनी पत्नी और अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी।

हत्या के पीछे जमीन विवाद (Blind murder case)
पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी भजनलाल कठौतिया ने स्वीकार किया कि मृतिका बार-बार पुलिस और प्रशासन में शिकायतें कर रही थी, जिससे परेशान होकर उसने पत्नी नोनीबाई कठौतिया के साथ मिलकर गांव के युवक राजा कुर्रे को 40 हजार रुपये में हत्या की सुपारी दी। राजा ने अपने दोस्त सावनदास मानिकपुरी के साथ मिलकर 15 जुलाई की रात मंझलीबाई की गला दबाकर हत्या कर दी।
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गेरवा रस्सी से गला घोंटकर की गई हत्या
हत्या (Blind murder case) के लिए प्लास्टिक बोरी से बने गेरवा रंग की रस्सी का उपयोग किया गया। घटना के बाद आरोपियों ने आत्महत्या का रूप देने के लिए मृतका के गले में रेशमी धागा और चाबी बांध दी और दरवाजा अंदर से बंद कर खिड़की से भाग गए।
पुलिस जांच और गिरफ्तारियां
पुलिस ने मर्ग क्रमांक 43/25 दर्ज कर जांच शुरू की थी। पीएम रिपोर्ट और गवाहों के कथनों के आधार पर अपराध क्रमांक 223/2025, धारा 103(1), 238 BNS के तहत केस दर्ज किया गया। पूछताछ में चारों आरोपी
भजनलाल कठौतिया (48 वर्ष)
नोनीबाई कठौतिया (45 वर्ष)
राजा कुर्रे (20 वर्ष)
सावनदास मानिकपुरी (24 वर्ष)
ने हत्या की साजिश कबूल कर ली।
पुलिस टीम का सराहनीय योगदान
इस पूरे प्रकरण (Blind murder case) की जांच में निरीक्षक वीणा यादव, सउनि नंदराम साहू, प्र.आर. अनिरुद्ध बैरागी, गजानंद स्वर्णकार, रतनलाल स्वाई, रोहित लहरे, ओमप्रकाश साहू, आर. मुनी अनंत, प्रकाश भारद्वाज, राजकुमार खुंटे, कामता कर्ष समेत थाना स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
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